1. पाठक एवं लेखक; दोनों ही रूपों में प्रत्नकीर्ति-पत्रिका का उपयोग इसकी सदस्यता-प्राप्ति के बाद ही किया जा सकता।
2. अपने क्षेत्रों में स्थापित आचार्य, अनुसन्धाता एवं लेखक उपर्युक्त सदस्यता सम्बन्धी अनिवार्यता से मुक्त होंगे किन्तु यदि उन्हें पत्रिका की मुद्रित प्रति चाहिए तो इसका निर्धारित मूल्य उन्हें चुकाना होगा।
3. युवा अनुसन्धान-कर्मी जिन्होंने अपने क्षेत्र में कोई विशिष्ट उपलब्धि हासिल की हो; उन्हें लेखक एवं पाठक दोनों ही रूपों में पत्रिका की सदस्यता, पत्रिका के ‘समीक्षक’ एवं ‘सम्पादक’-मण्डल की अनुशंसा पर नि:’शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
4. विविध वर्गों में समाहित प्रत्नकीर्ति-प्राच्य-शोध-संस्थान के सदस्य ‘प्रत्नकीर्ति’-पत्रिका के भी सदस्य नहीं माने जाएँगे।
5. ऐसे लेखक जो ‘प्रत्नकीर्ति’-पत्रिका के सदस्य भी हैं, प्रकाशन में उन्हें वरीयता दी जाएगी किन्तु ‘सदस्यता’ प्रत्नकीर्ति में प्रकाशन की कोई गारंटी (प्रतिबद्धता) नहीं होगी।
6. सक्षम व्यक्ति, विद्वान, व्यवसायी अर्ह किन्तु असमर्थ विद्यार्थी, लेखक, अनुसन्धाता के लिए पत्रिका की सदस्यता का भार उठा सकते हैं। ऐसे विरल विद्या-व्यसनियों का संस्थान और पत्रिका-परिवार हृदय से स्वागत करता है।
Subscription fee for authors |
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On-line | Off-line | ||
1. Annual Member | 1500/- | 2000/- (hard copy + on-line included) | |
2. Triennial Member | 4000/- | 5000/- (on-line included) | |
Subscription fee for readers |
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1. Annual Member | 1000/- | 1500/- (hard copy + on-line included) | |
2. Triennial Member | 2000/- | 3500/- (on-line included) | |
3. Single article | 50/- | N.A. | |
Subscription fee for Institutions |
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1. For one year | 5000/- | 10,000/- (on-line included) | |
2. For three years | 10,000/- | 25000/- (on-line included) |